2 line sayari in Hindi ( हिंदी सायरी 2 लाइन सायरी)
बेस्ट हिंदी 2 लाइन सायरी Best 2 line sayari
ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने
एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं
आज कल नज़रो से भी चोट लगा करती है,
जब नज़रे देख कर भी अनदेखा कर दिया करती है
जिदगी एक ऐसा रंगमंच है जहा कलाकार
को खुद नहीं पाता की अगला द्रेस्य क्या होगा
लोग काटते होंगे अपनी नस प्यार में
हम तुम्हारे इश्क़ में रक्तदान करेंगे..
दर्द जो बेहिसाब दिया है आपने 💕
काश प्यार भी ऐसा ही किया होता.
इस दुनिया में कोई किसी का ख़ास नहीं होता,
और लोग तुम्हें तभी याद करेंगे जब उनका टाइम पास नहीं होता।
गलती न उस इंसान की नहीं जो तुम्हें छोड़ कर चला गया,
गलती तो तुम्हारी है जो आज भी उस पर अटका हुआ।
जिनके करीब जाना चाहते थे वो दूर होते चले गए!
और जो दूर थे हमसे वो करीब आ गए!!
तुझे मेरी फ़िक्र नहीं मगर सारी दुनिया की फ़िक्र है ……
मुझे बस तेरी फ़िक्र है और किसी की नही …!!
वो इस अंदाज़ में मुझसे मोहब्बत चाहती है,
मेरे ख्वाब में भी अपनी हुकूमत चाहती है.!!
सुलगते लम्स की खुशबू हवा में छोड़ गया,
वो जो हमसफर था, सफर में छोड़ गया…
राह तकते जब थक गई आंखे
फिर तुझे ढूंढने मेरी आंख के आसूं निकले..
छूटे हुए हाथों का छूटना अब और नही अखरता
पड़ चुका है अब फ़र्क इतना कि अब फ़र्क नही पड़ता !!
ज़मीन पर मेरा नाम वो लिखते और मिटाते हैं,
वक्त उनका तो गुज़र जाता है, मिट्टी में हम मिल जाते हैं…
चूर चूर हो गया सरफिरी हवाओं का सारा ग़ुरूर,
इक दिया खुली छत पर रातभर जलता रहा।
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में,
लोग दिल में भी दिमाग लिए घूमते हैं।
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर
सो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है
खतम हो गई कहानी, बस कुछ अलफाज बाकी हैं
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है
कोई उम्मीद नहीं थी हमें उनसे मुहब्बत की
एक ज़िद थी कि दिल टूटे तो सिर्फ उनके हाथ से टूटे
काश... एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर
वो आकर गले लगा ले, मेरी इजाजत के बगैर
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी
एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे
डरता हूं कहने से कि मोहब्बत है तुम से,
कि मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी
रोज़ रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक़ न हुए,
अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी, बुझ कर भी राख़ न हुए
हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नहीं,
और बदनाम ऐसे हैं जैसे इश्क के बादशाह थे हम
जब भी वो उदास हो उसे मेरी कहानी सुना देना
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत है
मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,
प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं !
मिलावट है तेरे इश्क में इतर और शराब की,
कभी हम महेक जाते है कभी हम बहेक जाते हैं !
मेरी ख़ुशी के लम्हें इस कद्र छोटे हैं यारों…
गुज़र जाते हैं मेरे मुस्कुराने से पहलें…….
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