मेरी दीदी मेरी हिम्मत मेरी दुनिया
मेरी प्यारी दीदी ( Meri Didi, Meri Himmat, Meri Duniya )
![]() |
मेरी दीदी, मेरी हिम्मत, मेरी दुनिया |
मैं हमेशा से बहुत खुश रहता थ! कि मेरी एक बड़ी बहन थीं जो कितनी अच्छी थी !
और हमेशा मेरे बारे में सोचती थी मेरी बड़ी दीदी जिसे सब लोग प्यार से बिट्टो कहकर पुकारते थे। बहुत ही अच्छी और अच्छे विचार की थी हमेशा खुश रहती थी मुझसे 6 साल बड़ी थी हमेशा मुझे सपोर्ट करती थी। वह मुझे खुद से भी ज़्यादा चाहती थी। मैं अपनी बड़ी दीदी से छोटा था, और वह हमेशा मुझे प्यार करती थी। पहले खुद नहीं खाती पहले मुझे ही पूछती कि तूने खाना खाया कि नहीं उसके बाद वो खाना खाती। वो मुझसे बेइंतहा प्यार करती थीं
मेरी प्यारी दीदी ( Meri Didi, Meri Himmat, Meri Duniya )
मैं घर पर सबसे छोटा था, इसलिए सभी मुझे प्यार करते थे। पिताजी भी बहुत प्यार करते थे, मम्मी भी बहुत प्यार करती थीं दीदी मुझे बहुत ज़्यादा प्यार करती थी। मेरा ख्याल रखती मेरी हर ख्वाहिश पूरी करती मेरे बस मुंह से निकलता की दीदी वो चीज लाकर मुझे देती चाहे वो चीज कितनी ही महंगी क्यों ना हो। दीदी का कहना था कि अगर मेरे भाई ने कोई चीज़ मांगी, तो उसे देना ही है, चाहे जैसे भी हो।
मेरा और मेरी दीदी का अनमोल रिश्ता
शुरू से ही वो हमें सपोर्ट करती थी चाहे स्कूल हो चाहे घर कभी पिताजी की मार से बचाती कभी मम्मी की नाराज़गी से संभालतीं।
बचपन की यादें।
एक बार की बात है मै कमरे में अपने खिलौने के साथ खेल रहा था और दीदी बाहर बैठी थी पता नहीं कैसे मेरे हाथ की अंगुली दरवाजे के कोने में फंस गई थी और गलती से दीदी ने गेट बंद कर दिया जिससे मेरी हाथ की अंगुली में बहुत तेज लग गई थी और मैं रोने लगा तब मम्मी ने दीदी को बहुत डाटा था फिर मेरे साथ मेरी दीदी भी बहुत रोई।
दीदी मेरे साथ हर त्यौहार सेलिब्रेट करती चाहे दिवाली चाहे होली उनके लिए पहली प्रायोरिटी मै ही हुआ करता। वो हमेशा से पढ़ने में बहुत तेज थी हमेशा अपने क्लास में टॉप करती वो हमेशा मुझसे कहती भाई तुम बड़े हो जाओगे तो भी मेरे साथ रहना कभी मुझे छोड़कर मत जाना कहती तुम्हारे होने से मुझे बहुत हिम्मत मिलती तुम मेरे साथ कही जाते हो तो मुझे किसी से डरने की जरूरत नहीं होती Inner Me अब मैं अपनी बड़ी दीदी को क्या बताऊं मैं खुद डरता हूं मुझे खुद अपनी बड़ी दीदी से ही हिम्मत मिलती है।
![]() |
मेरी दीदी, मेरी हिम्मत, मेरी दुनिया |
मेरी दीदी की छोटी-छोटी पसंद और खुशियाँ
दीदी को जादा कुछ पसंदीदा तो नहीं था बाजार में एक रुपए में एक मटर की पैकेट मिलती थी वो उनको बहुत ही पसंद थी जब भी उनके पास पैसे होते तो वो मटर जरूर लेके आती लाके जैसे ही मुझे पूछती मै पास में बैठकर आधी से ज़ादा मै ही खा जाता।
![]() |
मेरी दीदी, मेरी हिम्मत, मेरी दुनिया |
उनकी एक चीज और थी जो उनको बहुत पसंद थी चावल की तहरी बनती है जो बहुत ही अच्छी होती है और ये दीदी को बहुत पसंद थी घर में जब भी तहरी बनती दीदी चाव से खाती मुझे भी बहुत पसंद थी चावल की तहरी। वह मेरी हर चीज़ में मेरी मदद करती थी, चाहे वह खाना हो, कपड़े हों, या पढ़ाई। वह हमेशा मुझे प्यार करती थी।
मै अपनी दीदी के साथ बहुत खेलता हम लोग दिवाली में एक साथ एंजॉय करते होली में साथ में कलर खेलते यहां तक वो हमसे रक्षाबंधन में पैसे भी नहीं लेती थी मुझसे कहती थी भाई तुम मेरे साथ हो मेरे लिए यही बहुत है मुझे पैसे की जरूरत नहीं है तुम बस हमेशा मेरे साथ रहो भगवान ने मुझे इतना प्यारा भाई दिया यही मेरे लिए सबसे बड़ी दौलत है वो मुझे हमेशा प्यार करती कभी भी मुझे अकेला नहीं छोड़ती।
वो मनहूस दिन…!
एक बार की बात है मै ओर मेरी दीदी गांव जाने के लिए बहुत खुश थे रक्षाबंधन का त्योहार आ रहा था, और हम सब नानी के घर जाने के लिए बहुत उत्साहित थे। वहाँ पहुँचकर हमने खूब मस्ती की। लेकिन किसे पता था कि यह आखिरी बार होगा जब मैं अपनी दीदी के साथ यूं हंस रहा हूँ…
गांव में सब लोग जल्दी खाना खाकर सो जाते थे रात के तकरीबन 11 बजे थे अचानक मेरी बड़ी दीदी की तबियत खराब हो गई रात बहुत हो गई थी गांव में एक वैद्य जी थे उनको बुलाया गया उन्होंने देखा थोड़ी दवाई दी और चले गए बताने लगे बुखार है ये दवाई दे देना सुबह तक सब ठीक हो जाएगा।
मेरी प्यारी दीदी ( Meri Didi, Meri Himmat, Meri Duniya )
मै दीदी के बगल में ही बैठा था मै ये सब देख रहा था दीदी दवाई नहीं खा रही थी लेकिन फिर भी मम्मी ने जबरदस्ती दवाई खिलाया वो भी रोते हुए और फिर लेट गई थोड़ी देर बाद सो गई मै मम्मी और भी सभी लोग सो गए ये सोचकर कि दवाई दिया है सुबह तक बुखार उतर जाएगा।
मैं सुबह 8 बजे उठा और नहाने जा रहा था कि मुझे मम्मी के रोने की आवाज़ सुनाई दी। जब मैं भागकर गया, मेरी दीदी... मेरी प्यारी दीदी... वो अब इस दुनिया में नहीं थीं। मैं बस देखता रहा मुझे कुछ समझ नहीं आया। कल तक तो वो मेरे साथ थीं, फिर अचानक ऐसा कैसे हो गया? मैं बस देखता रहा... फिर बेहोश होकर गिर पड़ा। जब उठा, तो देखा कि दीदी के अंतिम संस्कार की तैयारियाँ हो रही थीं। उसके बाद मुझे अपनी बड़ी दीदी की कमी आज तक हो रही है
आज उनकी कमी खलती है…।
आज मुझे दीदी की कमी महसूस होती है हर त्यौहार में मुझे उनकी कमी महसूस होती है हर चीज के लिए उनकी कमी महसूस होती है वो जब तक रही तब तक मुझे किसी चीज की चिंता नहीं रही हर चीज हाथ में मिल जाती हर साल मुझे रक्षा बंधन में मुझे उनकी बहुत याद आती है हर साल मेरी कलाई सुनी रह जाती है मैने कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा होगा वो मुझे छोड़कर चली जाएगी आज मुझे जब भी उनकी याद आती है मै अपने आंसू रोक नहीं पाता हु। दीदी मुझे अपने सर आँखों पर बिठा कर रखती थी। लेकिन आज उनकी कमी और उनके न होने का ग़म मुझे बहुत रुलाता है। काश दीदी हमेशा मेरे साथ रहती।।
मेरी प्यारी दीदी ( Meri Didi, Meri Himmat, Meri Duniya )
काश उस रात दीदी को बुखार न हुआ होता। काश, मैं कुछ कर पाता... कुछ ऐसा जिससे मेरी दीदी आज भी मेरे साथ होतीं। जब भी कोई मुश्किल आती है, मैं अब भी उनकी यादों में हिम्मत ढूंढता हूँ। दीदी, आपकी बहुत याद आती है। रक्षा बंधन पर मेरी कलाई सुनी रह जाती है, लेकिन दिल में हमेशा आपकी राखी बंधी रहती है। काश, समय को वापस लाकर आपको फिर से अपने पास रख पाता...।
दीदी, आप जहाँ भी हों, खुश रहना। आप हमेशा मेरी यादों में जिंदा रहोगी। आपकी राखी मेरी कलाई पर भले ही न हो, लेकिन दिल पर हमेशा बंधी रहेगी।
![]() |
मेरी दीदी, मेरी हिम्मत, मेरी दुनिया |
"काश, मैं फिर से अपने बचपन में लौट पाता, जहाँ मेरी प्यारी दीदी मेरे साथ थीं...।
अलविदा मेरी बड़ी दीदी मेरी प्यारी दीदी
Mr. Official ashish
Post a Comment